स्वतंत्रता दिवस समारोह
15 अगस्त हर साल आता है और हमारे दिलोदिमाग में ‘हम स्वतंत्र हैं और रहेंगे’ का भाव जागृत कर चला जाता है।
स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगाँठ के रूप में विद्यालय में हर्षोल्लास का माहौल था,सम्पूर्ण वातावरण देशभक्ति के रंग में सराबोर था। विद्यालय को तिरंगे व फूलों से सुसज्जित किया गया था। देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक गतिविधियों ने वातावरण को पूर्ण रूप से जश्ने-आज़ादी के भावों से सराबोर किया हुआ था।
आज की इस पावन बेला का शुभारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अमिता सिंह जी ने ध्वजारोहण से किया तत्पश्चात सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी और सभी ने एक सुर में राष्ट्र्रगान गाया। प्रधानाचार्याजी ने वहाँ उपस्थित विद्यार्थियों को देश की सेवा, सुरक्षा ,संप्रभुता एवं अक्षुण्ण अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलवाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ एक छात्रा द्वारा देश भक्ति के भावों से ओतप्रोत स्वरचित कविता से किया गया। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत देश- प्रेम के रंग में रंगे समूहगान ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।इस गीत के बाद एक छात्रा ने अपने प्रभावशाली भाषण में भारतीय स्वतंत्रता के लिए किए गए लंबे संघर्ष के विभिन्न पक्षों से सबका परिचय करवाया ।थियेटर क्लब के विद्यार्थियों ने,एक सशक्त संदेश प्रेषित करती हुई लघुनाटिका की प्रस्तुति की ,जिसका शीर्षक था - “जंगे आज़ादी’’।विद्यालय के सुदृढ़ आधार-हमारे सहायक कर्मचारीवृंद द्वारा मधुर तथा लयबद्ध समूह गान प्रस्तुत किया गया।
अनेकता में एकता को दर्शाते हुए शिक्षकवृंद द्वारा समूह गान प्रस्तुत किया गया। छात्राओं ने महाराष्ट्र का एक रोचक लोक-नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों ने एक नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए। इस अविस्मरणीय उत्सव ने सबके दिलों में देशभक्ति और उत्साह का एक नया संचार किया। इस प्रकार इस महान दिवस को एक ऐतिहासिक रूप प्रदान किया गया।विद्यार्थियों में स्वतंत्रता दिवस के भावों की अनुभूति के लिए विद्यालय में कक्षा नर्सरी से लेकर बारहवीं तक विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। देश भक्ति के गीत गाए, जिससे पूरा विद्यालय परिसर झूम उठा।
नई पीढ़ी को अपने देश के प्रति प्रेम प्रकट करते हुए देखना सच में बहुत नयनाभिराम था । विभिन्न प्रकार के अग्नि रहित स्वादिष्ट तिरंगे व्यंजन बनाए जहाँ अग्नि का नहीं बल्कि उनके कोमल मनोभावों का प्रयोग हुआ था।
अनोखी प्रदर्शनी ’ के अंतर्गत एक विशेष प्रदर्शनी क्षेत्र बनाया गया था ,जहाँ विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए हस्तकला के विभिन्न नमूनों को प्रदर्शित किया गया “तहरीर -ए- आज़ादी” शीर्षक” से पुस्तकालय के एक कोने में देश भक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ पुस्तकें प्रदर्शित की गईं ।
उन्नति पथ पर चक्र अनवरत, चलता हुआ न ठहरे |
फर –फर करता शुभ्र गगन में, सदा तिरंगा लहरे ||